॥ जय चक्रधारी ॥
99.9% शुद्ध चाँदी छल्ला । क्या होता है यह छल्ला ? इसका तात्पर्य हुआ गोल बींटी । यह पुराना शब्द है जिसमें हाथों की अंगुलियों की शोभा को बढ़ाने के लिये प्रयोग किया जाता है और हाँ यह हाथ कि शोभा बढ़ाने के साथ ही आपके शरीर में नयी सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के द्वार भी खोलता है ।
यह आपके स्वास्थ्य को बनाये रखने के रास्तों में ऊर्जा के बहाव को बढ़ाता है। ज्योतिषिय मान्यता तो इसे हाथ के अंगूठे में धारण करने हेतु बताती है व इससे शुक्र ग्रह की उर्जा को प्रबलता मिलती है। किन्तु फिर यहाँ पर जोर देने वाली बात यही है कि धातु कि शुद्धता अधिकतम होवे। इसमें खोट न होवे। इन बातों को ध्यान में लाना परमावश्यक है। इसमें मिलावट होते ही इसके प्रभावों में कमी आ जाती है इसलिये इसकी सम्पूर्ण शुद्धता का ध्यान हमारे द्वारा रखा गया है ।
प्रश्नोत्तर -
1. क्या मैं इसको पहन सकता हूँ या फिर पहले आपको जन्मपत्रिका दिखानी पड़ेगी?
उत्तरः अजि यह ऐसी वस्तु है जिससे धरती का हर व्यक्ति धारण कर सकता है वो भी बिना कोई जन्मपत्रिका दिखाए। इसको धारण करने के लिये तो TARROT CARD, ENERGY HEALERS, WESTERN ASTROLOGERS, हस्त रेखा विज्ञान, चाइना के यिंग यांग गुरु, इल्म -ए - नुजुम, नाग-ऋतिस, HELLENISTIC ASTROLOGY, मिस्र ज्योतिष, आदि कोई भी विरोध नहीं करता । इसलिये निश्चित रूप से धारण करना चाहिए।
2. मैं इसे किस हाथ में व किस अंगुली में धारण करूँ?
उत्तरः आप यदि शुक्र को मजबूत करना चाहते हैं तो चाहे आप स्त्री हों या पुरुष आप इसे सीधे हाथ के अंगूठे में पहनें । पर ऐसा ना सोचे के इसे और किसी अन्यत्र अंगुली में धारण नहीं किया जा सकता। आप कला के क्षेत्र में हैं तो आप इसे बायें हाथ की अनामिका में धारण करें। जैसे आप कलाकार हैं , या कि आप नृत्य करते वा कराते हैं, या के आप कवि हैं, या के आप पेन्टर हैं । आदि।
आप वकील है या न्याय के क्षेत्र में हैं तो बायें हाथ की मध्यमा में पहन लेवें । आप न्याय बड़ी ध्यानपूर्वक करने लगेंगे। आप में बहुत हड़बड़ाहट है तो दायें हाथ की अनामिका में पहनें । इस प्रकार इसका अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग प्रयोजन सिद्ध होता है।
3. क्या मैं इसको धागे में जल कर गले में पहन सकता हूँ ?
उत्तरः जी आप अपनी खरीदी वस्तु के स्वामी हैं, आप इसका कुछ भी कर सकते हैं। पर हम तो आपको इसे हाथ में ही धारण करने का सुझाव देंगे । गले में धारण करने का सुझाव नहीं देंगे आगे का निर्णय आपका अपना होगा।
4. क्या इसके आकार और बनावट से भी फर्क पड़ता है?
उत्तरः जी हाँ बिल्कुल इसकी बनावट से भी फर्क पड़ता है। यह जितना सटीक और सरल रहेगा वैसी आपके जीवन में ऊर्जा का प्रवाह करेगा।
5. मैं इसका माप कैसे लूँ? मुझे समझ नहीं आ रहा । क्या मैं अंगुली पर धागा लपेट कर माप दे दूँ? या आपको मेरे हाथ की फोटो भेज दूँ आप आपके अनुसार भेज दो।
उत्तरः मान्यवर यह फोटो वाला IDEA तो आपका बहुत मजाकिया है। कारण के जिस प्रकार सड़क की फोटो देखकर उसकी लम्बाई नहीं बतायी जा सकती ठीक इसी प्रकार हाथ की फोटो देखकर आपको अंगुली का माप नहीं बता सकते। बढ़िया यही होगा के आप स्थानीय आभूषण विक्रेता के पास जाये और भारतीय रिंग SIZE ले आवें। वो आपको एक नम्बर बताएंगे आपकी अंगुली का माप लेकर जैसे 15 नं या 20 नं आदि बस वही आपका माप है।
6. मुझे ज्वैलर के पास जाने में जोर आता है कोई और तरीका?
उत्तरः अंगुठी मापक यन्त्र बजार में या आनलाईन खूब मिलते हैं । आप कृपया वो खरीद लेवें और घर पर ही माप लेंवे और आर्डर करें । जीवन भर आपके पूरे परिवार के काम आएगा ।
अभी भी और कोई जिज्ञासा है तो कृपया वहाट्स ऐप करें।
॥ ओ३म् का झण्डा ऊँचा रहे ॥