हाथी शंख
हाथी स्वर्ग के देवता इंद्र का वाहन है और इंद्र के हाथी का नाम ऐरावत है। यह शंख उसी के समान दिखाई देता है इसीलिए इस शंख को ऐरावत शंख भी कहा जाता है।यह शंख मूलत: सिद्ध और साधना प्राप्ति के लिए माना गया है। माना जाता है कि रंग और रूप को निखारने के लिए भी इस शंख का उपयोग किया जाता है। इस शंख में 24 से 28 घंटे जल भर करके रखें और फिर उसको ग्रहण करेंगे तो चेहरा कांतिमय बन जाएगा। ऐसा प्रतिदिन कुछ दिनों तक करना चाहिए। इस प्रकार के प्राकृतिक शंख की विशेष ज्यामिति एक सकारात्मक ऊर्जा क्षेत्र बनाती है और अस पास के वातावरण को शांत रखती है यह शंख वास्तु और सेहत दोनों के नजरिए से बेहद फायदेमंद होता है | इसका उपयोग पूजा वे अभिषेक के लिए किया जाता है |
हाथी शंख मंत्र -
'ऊं श्री लक्ष्मी सहोदराय नम:'
Hathi shell
The elephant is the vehicle of Indra, the god of heaven and the name of Indra's elephant is Airavat. This conch shell looks similar to him, that is why this conch is also called Airavat conch. It is believed that this conch is also used to enhance the complexion and appearance. Keep this conch shell filled with water for 24 to 28 hours and then if you take it, the face will become radiant. This should be done every day for a few days. The special geometry of this type of natural conch creates a positive energy field and keeps the surrounding environment calm. This conch is extremely beneficial from both Vastu and health point of view. It is used for worship and consecration.
Hathi shankh-
'ऊं श्री लक्ष्मी सहोदराय नम:'