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Pure Bronze Shine Lathe Bangle - शुद्ध कांसा खराद कड़ा

CHAKRADHARI
SKU: PBSLB
Rating5/5 based on 1 reviews
MRP:
US $ 44.80
(Inclusive of all taxes)
Pure Bronze Lathe Bangle - शुद्ध कांसा खराद कड़ा
Weight - 25 gm approx.
Weight may vary according to size of the wearer, we will do all adjustments once order placed or we will call you for details. Else you can message us on whats app for more details - 9887917255.

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Country of Origin: India
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Description

॥ जय चक्रधारी ॥


धातु काँसा - जिसके बर्तन निर्माण का उल्लेख तो भाँती भाँती स्थान पर मिलता है , किन्तु इस धातु के आभूषण स्वरूप कड़ा बना दिया जाये यह क्राँति कैसे घटित होती है।

आखिरकार ऐसा भी क्या है इसमें विशेष ? क्यों है यह महत्वपूर्ण ? क्यों इसको बनाना भी इतना कठिन है जिस कारण असली काँसा धातु का कड़ा मिल पाना ही आज लगभग बहुत कठिन हो चला है। असली काँसा धातु कड़ा का नाम सुनकर ही आखिर क्यों एकाएक बनाने वाले कारीगर भी हाथ पीछे खींच लेते हैं ?

क्यों न आज इसकी सच्चाई जान .ली जाये ।


काँसा धातुः यह दो धातुओं का मिश्रण है वो हैं ताम्बा व राँगा ।

ताम्बा जब बिल्कुल शुद्ध अवस्था में होता है तब वह नर्म होता है अच्छी लोचशीलता होती है एंव राँगा धातु तो और भी अधिक नर्म व आसानी से मुड़ने वाली होती है। किन्तु जब इनके मिलन से इनकी सन्तान उत्पन्न होती है जिसे काँसा धातु कहते हैं वह बहुत कठिन होती है। उसमें नर्मी लाना जिससे उसे आकार दिया जाये एक बेहद जटिल कार्यों में से एक है।

बर्तन बनाना तो फिर भी थोड़ा आसान है किन्तु उसके कड़े बना देना " खाण्डे की धार " है। अर्थात बहुत टेढ़ी खीर । आज आपके सामने वही है उपस्थित ।


काँसा धातु की कठिनता का कारणः

प्रकृति ने ही इस धातुको ऐसी तासीर दी है के यह एक बहुत कठिन धातु बन जाती है। यदि यह टूटती है तो काँच के समान ही टूटती है। काँच शब्द काँसा शब्द के विकृत शब्द काँस से बना है।

श्रीकृष्ण के मामा कँस का नामकरण भी इसी धातु से पड़ा था - जिसका शाब्दिक अर्थ होता है त "अत्यन्त कठोर" ।


अब आपके हृदय में यह भाव आ जाएगा के इसे पहन कर क्या आप भी मामा कँस बन जाएंगे? इसका उत्तर है नहीं। क्योंकि शरीर का कठोर होना और मानसिकता खराब हो जाना फिर कर्म भी खराब हो जाना - इनमें बहुत अन्तर है ।

यहाँ पर हमें ऐसी उर्जा से मतलब है जो हमारे शरीर को मजबूती प्रदान करती है।


क्यों पहनें काँसा धातु का कड़ा ?

- यह उनके लिये अत्यन्त कारगर है जिनका मन एंव शरीर दोनों डगमगाये हुये हैं ।

- यह हौसलों में तो लाजवाब वृद्धि लेकर आता है।

- काँसा धातु कड़े रूप में धारण करने से ब्रह्माण्ड की विद्युत चुम्बकीय तरंगों को मानव शरीर हेतु पूरी तरह से सन्तुलित कर लेता है और धारणकर्ता के पास पहुंचाता है।

- जिन लोगों को भय रहता है के उनपर तन्त्र मन्त्र किया जा रहा है या किया जा चुका है वो लोग तो एक मिनट की भी प्रतिक्षा ना करें और यह कड़ा धारण कर लेवें क्योंकि यह कड़ा आपकी प्राणवायु को शरीर में सन्तुलित कर देता है जिसके कारण शरीर ऐसी नकारात्मक क्रिया के दुष्परिणाम से बच जाता है।

- यह कड़ा खोजियो को भी धारण कर लेना चाहिये क्योंकि जो खोजी है जीवन के नये आयाम ढूंढ़ने में सदैव तत्पर है उनके लिये यह नये मार्ग का प्रकाश भी जीवन में देता ही देता है।

- यह देव और दानव दोनों की उच्च श्रेणी की उर्जाओं को धारणकर्ता में बढ़ाने में सक्षम है।

- इससे ऐसी ऊर्जा का भी संचार होता है जो की धारणकर्ता जितना भी अपनी बात बताना चाहे उस पर पूर्ण नियन्त्रण कर लेता है। अर्थात वह भावनाओं में बहकर अपने जीवन के सारे सूत्र नहीं देता - बल्कि जितना आवश्यक है उतना ही देता है।


सावधानियाँ :

क्या इसे कोई भी राशी का वा कोई भी लिंग का  व्यक्ति धारण कर सकता है ?

उत्तर - हाँ जी।


क्या इसे पहनकर झूठ बोला जा सकता है?

यह पूरी बात आपके आचरण की है कड़े को इससे कोई लेना देना नहीं। किन्तु यह आपको इतनी शक्ति तो अवश्य दे सकता है के आप सच से व अपने आत्मबल से सारा काम चला लोगे।


क्या माँसाहारी या शाकाहारी या शराबी कोई भी इस कड़े को धारण कर सकता है?

उत्तर - हाँ। यह आपका नीजि जीवन व नीजि रूचि पर है। कड़े को इससे कोई सरोकार नहीं।



इसे किस हाथ में पहना जाये?

स्त्री व पुरुष व अन्य इसे किसी भी हाथ में अपनी सुविधा से पहन सकते हैं। इसमें विशेष स्थान का चुनाव करने की आवश्यकता ही नहीं है।


॥ ओ३म का झण्डा ऊँचा रहे ॥

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