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Ritika Brass Paraat - रीतिका पीतल परात

CHAKRADHARI
SKU: RBPP
MRP:
US $ 65.31
(Inclusive of all taxes)
CHAKRADHARI
Country of Origin: India
More Information
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Description

हिन्दी English
वजन (मध्यम): लगभग 1800 ग्राम (1 किलोग्राम 800 ग्राम) Weight (Medium): 1800gm Approx (1kg 800gm)
वजन (मध्यम-लार्ज): लगभग 2450 ग्राम (2 किलोग्राम 450 ग्राम) Weight (Medium-Large): 2450gm Approx (2kg 450gm)
व्यास (मध्यम): 35.2 सेमी Diameter (Medium): 35.2cm
व्यास (मध्यम-लार्ज): 40 सेमी Diameter (Medium-Large): 40cm
आधार व्यास (मध्यम): 26.8 सेमी Base Diameter (Medium): 26.8cm
आधार व्यास (मध्यम-लार्ज): 29 सेमी Base Diameter (Medium-Large): 29cm
ऊंचाई (दोनों): 5 सेमी Height (Both): 5cm
गहराई (दोनों): 4.8 सेमी Depth (Both): 4.8cm
चादर की मोटाई (दोनों): लगभग 2 मिमी Thickness of Sheet (Both): 2mm Approx
ध्यान दें (मध्यम): "5-6 लोगों के लिए आटा गूंधने के लिए पर्याप्त आकार।" Note (Medium): "Sufficient size to knead dough for 5-6 people."
ध्यान दें (मध्यम-लार्ज): "7-8 लोगों के लिए आटा गूंधने के लिए पर्याप्त आकार।" Note (Medium-Large): "Sufficient size to knead dough for 7-8 people."



।। जय चक्रधारी ।।


चक्रधारी रीतिका पीतल परात में परंपरा और आधुनिक शैली का अन्वेषण करें :-
धरती के श्रेष्ठ रीतिका पीतल से निर्मित चक्रधारी में, हमारे असली पीतल परात आयुर्वेदानुसार रीतिका पीतल से बनायीं गयी हैं — एक विशेष मिश्रण जो 2 भाग नेपालिया ताम्बा और 1 भाग शुद्ध जस्ता से मिलकर बनता है। हर धातु की शुद्धता 99.9% रखी जाती है जिससे की इसकी पवित्रता, मजबूती गुण, ताप सहने की क्षमता आदि में निरंतरता बनी रहे। इसकी मजबूती की बात करें तो 2 मिमी की मोटाई के साथ, प्रत्येक परात टिकाऊपन और दीर्घकालिकता के लिए रूप रेखित की गई है, जिससे यह पीढ़ी दर पीढ़ी भी चलायी जा सके । इसके साथ ही इसके भारी और वजनी होने से धातु की जो ऊर्जा है जो भोजन आदि पदार्थों को पवित्र करती है, उस ऊर्जा का संचरण भी लगातार बना रहे। आयुर्वेदिक परंपरा में प्रशंसित यह संयोजन इसमें तैयार किए गए भोजन की सामग्री शुद्धता के कारण और अधिक सकारात्मकता प्रदान करने वाला भोजन हो जाता है। यह पूरी तरह से सीसा मुक्त है, जो मानव जाति के लिए पूर्णतया सुरक्षित है।

प्रकार :-

यहाँ पर आपको तीन प्रकार की परात दिखाई देंगी -

१. सादा परात, २. कलाई करी हुई परात , ३. मठार करी हुई परात जो की निम्न हैं -


 अ. सादा रीतिका पीतल परात:
हमारी सादा रीतिका पीतल परात पारंपरिक आकर्षण और गुणवत्ता प्रदान करती है, जो आवश्यक है आटा गूंथने और विभिन्न व्यंजनों की तैयारी के लिए। इस परात को सीधा स्टोव पर नहीं चढ़ाया जाए। केवल यह आटा गुंथन में कारगर है यानि की अम्लीय भोजन सामग्री से प्रतिक्रियाशील न हो जाये इसलिए आटा हेतु ही कारगर। यह आदर्श परात किसी भी रसोई के लिए एक प्रधान है, जो कार्यक्षमता के साथ-साथ पारंपरिकता का संयोजन करती है।


ब. कलाई की हुई रीतिका पीतल परात :
परंपरा के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा मानकों को मिलाते हुए, हमारी कलाई की हुई यह परात में एक गैर-प्रतिक्रियाशील रांगा धातु के आवरण को चढ़ाया जाता है जो यह सुनिश्चित करती है कि आपका अम्लीय खाना सुरक्षित रहे और धातु के प्रतिक्रियाशीलता से मुक्त रहे। रीतिका पीतल के बर्तन पर यह भोज्य रांगा परत खाना पकाने के विभिन्न कार्यों के लिए आदर्श है, जैसे कि जलेबी या इमरती जैसे व्यंजन जिन्हें सौम्य और समान गर्मी की आवश्यकता होती है, जिन्हें तेल या घी में पकाया जाता है तब यह परात विशेष रूप से कारगर है। इसमें आटा गुंथन भी किया जा सकता है तो इसे स्टोव पर भी चढ़ाया जा सकता है। कलाई युक्त सतह न केवल खाद्य सुरक्षा बढ़ाती है बल्कि आपकी पाकशाला को दैदीप्यमान सौंदर्य भी देती है। जब इसकी कलाई उतर जाये तो इस कलाई को दोबारा करनी होती है, हमने घर पर कलाई कैसे करें, का पूरा वीडियो अन्य है जिससे की आप स्वयं भी इस क्रिया को करना सीख सकते हैं।


स. रीतिका पीतल मठार परात:

हमारी मठार परात टंचाई हथौड़ी तकनीकों के माध्यम से मजबूत की गई है जो इसके टिकाऊपन और मजबूती को बढ़ाते हैं। यह परात रचना न केवल परात को मजबूत करती है बल्कि इसे एक अनूठा, कारीगरी वाला रूप भी प्रदान करती है जो इसकी शोभा को चार चाँद लगाती है । यह वाली परात विशेष रूप से भारी उपयोग के लिए उपयुक्त है। इसमें भी मूल रूप से आटा गुंथन ही किया जायेगा। केवल कारीगरी का अंतर है, व सौंदर्य का अंतर है। इसमें भी भोजन को पकाया नहीं जायेगा।

सारांश - सुरक्षा और सौंदर्य:

रीतिका पीतल चक्रधारी परात सुरक्षा और सौंदर्यिक खुशी दोनों को सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई हैं। गैर-कलाईयुक्त नौंना सादा और मठार कारीगरी की शैली के लिए आदर्श है। वही कलाई की हुई भोजन पकने में भी उपयोग की जा सकती है।

सफाई के निर्देश:

आपकी चक्रधारी रीतिका पीतल परात की उत्कृष्ट स्थिति बनाए रखने के लिए, हम इसे निम्बू स्वरस, या इमली और सोडा के मिश्रण से पटसन के कपडे (जूट के स्क्रबर) का उपयोग करके साफ करने की सलाह देते हैं। यह विधि धातु की सतह को नुकसान पहुंचाए बिना गहन सफाई सुनिश्चित करती है, जिससे इसकी कार्यक्षमता और चमक दोनों बनी रहती हैं।

।। ओ३म् का झंडा ऊँचा रहे ।। 


English -

|| Jai Chakradhari ||

Explore Tradition and Modern Style in Chakradhari Ritika Brass Parat

Made from the Finest Ritika Brass
At Chakradhari, our genuine brass parats are made from Ritika Brass as per Ayurveda—a special alloy that consists of 2 parts Nepali copper and 1 part pure zinc. The purity of each metal is maintained at 99.9%, ensuring consistency in its sanctity, strength, heat tolerance, and other qualities. With a thickness of 2 mm, each parat is designed for durability and longevity, ensuring it can be passed down through generations. The substantial weight and energy of the metal help in maintaining the sanctity of the food prepared in it, adding more positivity to the meal due to its Ayurvedic qualities. This combination, highly regarded in Ayurvedic tradition, ensures the purity of the food prepared within it, making it completely lead-free and safe for mankind.


Types
: Here you will find three types of parats:

  1. Plain Parat
  2. Tinned Parat
  3. Hammered Parat

1. Plain Ritika Brass Parat: Our Plain Ritika Brass Parat offers traditional charm and quality essential for kneading dough and preparing various dishes. This parat should not be placed directly on the stove. It is effective for kneading dough as it is non-reactive with acidic food items. This ideal parat is a staple in any kitchen, combining functionality with tradition.

2. Tinned Ritika Brass Parat: Combining tradition with modern food safety standards, our Tinned Ritika Brass Parat features a non-reactive tin coating that ensures your acidic food remains safe and free from metal reactivity. This tinned surface on Ritika Brass utensils is ideal for various cooking tasks, such as preparing dishes like jalebi or imarti, which require gentle and even heat when cooked in oil or ghee. It can also be used for kneading dough and can be placed on the stove. The tinned surface not only enhances food safety but also adds a radiant beauty to your kitchen.


3. Ritika Brass Hammered Parat:
Our Hammered Parat is strengthened through traditional hammering techniques, which enhance its durability and robustness. This crafting process not only fortifies the parat but also gives it a unique, artisanal look that enhances its aesthetic appeal. This parat is particularly suitable for heavy-duty use. It is mainly used for kneading dough, with differences in craftsmanship and aesthetics. It is not used for cooking food.


Summary - Safety and Aesthetics:
Chakradhari Ritika Brass Parats are designed to ensure both safety and aesthetic pleasure. Non-tinned plain and hammered styles are ideal for kneading dough, while the tinned one can also be used for cooking food.


Care Instructions:
To maintain the pristine condition of your Chakradhari Ritika Brass Parat, we recommend cleaning it with a mixture of lime juice or tamarind and soda, using a jute scrubber. This method ensures thorough cleaning without harming the metal surface, preserving both its functionality and luster.

|| Oum Flag Remain High ||

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