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Shantipriya Chandrayat Shell - शांतिप्रिय चन्द्र्यत शंख

CHAKRADHARI
SKU: SCS
MRP:
US $ 30.80
(Inclusive of all taxes)
शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में होती है.इसे माता लक्ष्मी का भाई कहा जाता है, शांतिप्रिय चन्द्र्यत शंख को विजय, समृद्धि, सुख-वैभव, शांति, यश-कीर्ति का प्रतिक माना जाता हैं| The conch shell is counted among the 14 gems that came out of the churning of the ocean. It is said to be the brother of Mother Lakshmi. This conch is considered a symbol of victory, prosperity, happiness and glory, peace, fame and fame.
Country of Origin: India
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Description

Shantipriya Chandrayat Shell

The conch shell is counted among the 14 gems that came out of the churning of the ocean. It is said to be the brother of Mother Lakshmi. This conch is considered a symbol of victory, prosperity, happiness and glory, peace, fame and fame. If conch is blown in the house regularly, it removes negativity. Home troubles disappear and happiness and peace remain. Take special care of one thing that if you are using conch shell for worship, then do not play it even without forgetting it, because it can cause you to see painful results. There should always be two conch shells in the house, one conch is used to worship God, he is anointed and the other is blown. The conch shell used in worship should always be filled with water. After worshiping, spraying this water in the house and on the members of the house removes all the problems. The conch shell, which is blowing, can be wrapped in a white cloth and kept at some place around the worship. Before and after blowing, the conch should be cleaned with Gangajal, This keeps it pure.

Playing conch shell daily is beneficial for health. By blowing the conch, our lungs become strong and the problem of breathing is removed. Filling pure water in conch and drinking its water in the morning also has many benefits. Conch has the properties of calcium, phosphorus and Sulphur. By drinking its water, bones become strong and teeth also remain healthy and many diseases are removed from it.


Shantipriya Chandrayat Shell Mantra-

'श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः। ' - 'ॐ कमलवासिन्यै श्रीं श्रियै नम:। '



 शांतिप्रिय चन्द्र्यत शंख 

शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में होती है.इसे माता लक्ष्मी का भाई कहा जाता है इस शंख को   विजय, समृद्धि, सुख-वैभव, शांति, यश-कीर्ति का प्रतिक माना जाता हैं|  नियमित रूप से अगर घर में शंख बजाया जाए तो इससे नकारात्मकता दूर होती है| गृह क्लेश मिटता है और सुख शांति बनी रहती है| एक बात का विशेष ध्यान रखे की अगर आप शंख को पूजा के लिए इस्तेमाल कर रहे है  तो उसे भूलकर भी न बजाएं,क्योंकि इससे आपके कष्टकारी परिणाम देखने पड़ सकते हैं. घर में हमेशा दो शंख होने चाहिए, एक शंख से भगवान की पूजा, उनका अभिषेक किया जाता है और दूसरे को बजाया जाता है| पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले शंख को हमेशा पानी भरकर रखना चाहिए| पूजा के बाद इस पानी का छिड़काव घर में और घर के सदस्यों पर करने से तमाम समस्याएं दूर होती हैं. जिस शंख को बजाते हैं, उसे एक सफेद वस्त्र में लपेटकर पूजा के आसपास किसी स्थान पर रख सकते हैं. बजाने से पहले और बजाने के बाद शंख को गंगाजल से साफ करना चाहिए, इससे पवित्रा बनी रहती है|

ऐसा माना जाता है कि तीर्थों में जाकर दर्शन करने से जो शुभ फल प्राप्त होता है, वह घर में शंख रखने और दर्शन करने से ही प्राप्त किया जा सकता है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में पूजा में न केवल शंख का इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि शंख की भी पूजा की जाती है।

रोजाना शंख बजाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। शंख बजाने से हमारे फेफड़े मजबूत होते हैं और सांस लेने की समस्या दूर होती है। शंख में शुद्ध जल भरकर सुबह उसका जल पिने से भी कई फायेदे होते है शंख में कैल्शियम, फास्फोरस और सल्फर के गुण होते हैं। इसका जल पिने से हड्डियां मजबूत होती हैं और दांत भी स्वस्थ रहते हैं और इससे कई रोग दूर हो जाते है|  


शांतिप्रिय चन्द्र्यत शंख मंत्र-

'श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः। ' - 'ॐ कमलवासिन्यै श्रीं श्रियै नम:। '





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