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White Small Dakshinavarti (South Facing) Shell - छोटा दक्षिणावर्ती शंख

CHAKRADHARI
SKU: SDS-2
MRP:
US $ 49.00
(Inclusive of all taxes)
CHAKRADHARI
दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी शंख के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वे देवी लक्ष्मी से जुड़े हुए हैं| ये शंख सभी प्रकार की बुराइयों का नाश करता है Dakshinavarti conch shell is also known as Lakshmi conch, as they are associated with Goddess Lakshmi. This conch destroys all kinds of evils.
Country of Origin: India
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Description

Dakshinavarti Shell Causes and Treatment

The Dakshinavarti shankh is also known as the Lakshmi Shankh, because they are associated with Goddess Lakshmi. On Diwali after doing the Laxmi-Ganesh puja and worshipping the Dakshinavarti Shankh, if water is kept in it through the night and the next day when the water is sprinkled in the house, it ushers in prosperity and abundance. It can be used in the same way even after regular worship.Children who cannot focus and concentrate on their study, can drink the water kept in Dakshinavarti Shankh overnight. It will help them to concentrate and focus on studies and People who are suffering from high blood pressure, diabetes can also drink water kept in Dakshinavarti conch shell, it will help in their healing process. In some auspicious time, after anointing the Dakshinavarti conch with Gangajal, Goghrit, raw milk, honey, jaggery etc., place it on a red cloth seat in your place of worship, this will keep Lakshmi's permanent abode. Every kind of evil is destroyed from the place where the clean water kept in the Dakshinavarti conch is sprinkled.



Dakshinavarti Shell Mantra-

ॐ श्रीं क्लीं श्रीधर करस्थाय पयोनिधी जाताय लक्ष्मी सहोदराय दक्षिणावर्त शांखाय नमः ||



दक्षिणावर्ती शंख कारण और उपचार

दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी शंख के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वे देवी लक्ष्मी से जुड़े हुए हैं| दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने के पश्चता दक्षिणावर्ती शंख से पूजा करने के बाद, अगर रात में उसमें स्वच्छ जल भरकर रखा जाए और फिर अगले दिन उस जल से छिड़काव किया जाए तो यह घर के वातावरण में सकारात्मकता लाता है इसे नियमित रूप से पूजा-अराधना करने के पश्चात भी, इसी तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। जो बच्चे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं, वे रात भर दक्षिणावर्ती शंख में रखा स्वच्छ जल भरकर सुबह पी सकते हैं। इससे उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी और जो व्यक्ति उच्च रक्तचाप, मधुमेह से पीड़ित हैं, वे भी  दक्षिणावर्ती शंख में रखे जल का पान कर सकते है इससे उनके उपचार प्रक्रिया में मदद मिलेगी| किसी शुभ मुहूर्त में दक्षिणावर्ती शंख का गंगाजल, गोघृत, कच्चा दूध, शहद, गुड़ आदि से अभिषेक कर अपने पूजा स्थल पर लाल कपड़े के आसन पर रख दें, इससे लक्ष्मी का स्थायी वास बना रहेगा. दक्षिणावर्ती शंख में रखा स्वच्छ जल जहां छिड़काव किया जाता है वहां से हर प्रकार की बुराई का नाश होता है। 


दक्षिणावर्ती शंख मंत्र-

ॐ श्रीं क्लीं श्रीधर करस्थाय पयोनिधी जाताय लक्ष्मी सहोदराय दक्षिणावर्त शांखाय नमः ||


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